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SEO क्या हैं? | SEO कैसे करते हैं? | SEO in Hindi


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क्या आप जानते हैं SEO क्या हैं (What is SEO in Hindi?) SEO एक ब्लॉग के लिए क्यों और कितना आवश्यक हैं? Why SEO is important? सभी को इस तरह के सवाल बहुत परेशान करते हैं!

यह ब्लॉग आपको SEO kya hai? और क्यों SEO जरुरी हैं ? Why SEO is Important? जानने में मदद करेगा!

यदि आप किसी भी माध्यम से गूगल पर अर्थात Online आते हैं और अधिक से अधिक लोगो तक अपने ब्लॉग या फिर वीडियो कंटेंट को पहुंचना चाहते है! ताकि उस ब्लॉग में Visitors की संख्या बड़े और लोग उस Blog या Video Content पर Trust करे।

ब्लॉग लिखना आपकी एक कला हैं लेकिन उसमे SEO करना उससे भी बड़ी कला हैं जो आपके ब्लॉग को वायरल करा भी सकती हैं और गूगल पर Rank तो कराती ही हैं!

ब्लॉग में SEO करना बहुत जरुरी हैं ताकि गूगल का सर्च इंजन आपके ब्लॉग को गूगल के first page पर दिखाए और आपको पता हैं सबसे ज्यादा visitors google के first page को पसंद करते है और trust हैं!

इसलिए एक ब्लॉगर के लिए SEO को जानना और अच्छे से समझना बहुत ही ज्यादा जरुरी हैं! लेकिन बहुत सारे नये ब्लॉगर इस बात से बहुत परेशान रहते हैं की आखिर ये SEO क्या हैं!

ध्यान देने की बात ये है कि Google SEO के कुछ Basic SEO Fectors हैं! ये fectors या आप इन्हे Google SEO fundamentals भी बोल सकते है!

हमेशा सामान रहते हैं लेकिन टेक्नोलॉजी के बदलते रहने से गूगल अपने strategy को भी बदले रहता हैं जिससे यह बात साफ हो जाता हैं की कोई भी SEO में फुल एक्सपर्ट नहीं हो सकता हैं!

इसलिए जरुरी हैं की आपको सबसे पहले Google SEO Fundamentls के बारे में पता होना चाहिए और समय समय पर गूगल SEO strategy के बदलने पर खुद भी नयी जानकारी के साथ Upgrade होना चाहिए!

SEO क्या होता हैं? What is SEO in Hindi?

आपको पता हैं सबसे पहली वेबसाइट कब launch हुई थी? सबसे पहली वेबसाइट 1991 में लांच हुई थी! और 1991 में ही SEO शब्द पिक्चर में आया लेकिन यह भी माना जाता है! की officially SEO 1997 के लगभग लांच हुआ! इसलिए भी क्योंकी इस समय ही Google की स्थापना हुई थी!

जब 1991 में पहली वेबसाइट बनी तो कुछ समय बाद और भी बहुत सारी वेबसाइट बनना शुरू हो गई और देखते ही देखते Internet में बहुत content आ गया! और जिस कारण यूजर को अपने जरुरत का Content Search करने और Access करने में दिक्कत आने लग गयी!

इस समस्या (Problem ) से निजात पाने अथवा दूर करने के लिए सर्च इंजन की शुरुआत हुई! और एक Structure तैयार किया गया जिससे यूजर को सिर्फ वही content search engine results page पर दिखेगा जिसकी यूजर को जरुरत हैं और जिसे वह सर्च कर रहा हैं। इस तरह सर्च इंजन के साथ साथ search engine optimization पिक्चर में आया लेकिन तब यह उतना मुश्किल नहीं था!

Full-Form of SEO

SEO का full form: SEO का Full Form “Search Engine Optimization” होता हैं!

Full Form of SEO in Hindi

Hindi में SEO का full form: SEO का हिंदी में full form खोज इंजन ऑप्टिमाइजेशन हैं! जिसका मतलब ब्लॉग को खोज इंजन जैसे Google, Yahooऔर Bing इत्यादि के अनुकूलित तैयार करना होता हैं! जिससे आपके ब्लॉग पर अधिक से अधिक ट्रैफिक आ सके!

Search Engine क्या होता हैं?

Search Engine basically एक सॉफ्टवेयर सिस्टम होता हैं! यह इस तरह से design किया की यूजर जो भी जानकारी internet पर सर्च करता है!

उस particular information को सर्च इंजन व्यवस्थित तरीके से और आसान शब्दों में (search engine results pages (SERP’s)) पर प्रस्तुत (present) करता हैं!

Google अभी तक का सबसे successful Search Engine में से एक हैं! यह 1997 में Larry Page और Sergey Brin ने develop किया था!

यह particular information किसी भी फॉर्म जैसे images, web links, videos और blogs (articles ) इत्यादि में हो सकता हैं।

बहुत सारी website बन चुकी हैं और Internet के पास बहुत ज्यादा information होता हैं! अब यहां पर search engine का सबसे मुख्य काम real-time information को maintain करना होता हैं!

अर्थात यदि कोई यूजर सर्च इंजन में कोई जानकारी सर्च करता है तो सर्च इंजन उसे real-time information सबसे पहले दिखाए! जिसमें Search Engine जैसे की Google और ऑप्टिमाइजेशन का मतलब ब्लॉग को सर्च इंजन के अनुकूल बनाना होता हैं।

जैसा मैने पहले आपको बताया google अभी तक का सबसे successful Search Engine हैं! जनवरी 2020 तक 87.35 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी बनाए रखते हुए Google ने Search Engine मार्केट में अपना वर्चस्व कायम किया है!

Real Time Information को maintain करने की लिए google search engine अपने web crawler पर Algorithm चलता हैं!

और google search engine algorithm बहुत सारे Factors और fundamentals पर आधारित होता हैं! और अपने ब्लॉग को google search engine के Factors और fundamentals के अनुरप लिखने को ही Search engine Optimization कहते हैं!

संक्षेप में Search engine optimization एक process है! जिससे हम अपने ब्लॉग (article) पर google search engine से फ्री में organic तरीके से ट्रैफिक लाते हैं!

SEO के फायदे 

आयिये, SEO को पहले users के angle से देखते है।जब भी हम गूगल पर कुछ search करते है तो वह हमें results के रूप में अनगिनत sites की लिस्ट दिखा देता है, टाइम की कमी होने के कारण हर कोई अपना काम जल्दी से जल्दी खत्म करना चाहता है, तो हम बिना कोई टाइम बर्बाद किए, झट्ट से पहला result या पहली या हद दूसरी website khol लेते है। यही वजह है SEO के जन्म की।

Example के तौर पर यदि हम गूगल पर सर्च करे- दिल्ली में अच्छी फर्नीचर की दुकानें तो ढेरों results आ जाएंगे, इस भीड़ में से अलग चमक ने के लिए सही SEO strategy लगा कर उपर आना बहुत ज़रूरी है।

यदि hamari वेबसाइट पहले या दूसरे SERP पे ना show हो, तो ट्रैफिक लगभग 70 प्रतिशत कम हो जाता है।
यह तकनीक तो हाल ही में पॉपुलर हुई है, इससे पहले तो लोग इतना aware ही नहीं थे। 

इस तकनीक से आपकी website या blog को विभिन्न फायदे हो सकते है—

  • ज़्यादा traffic – यदि majority users को हमारी website ही दिखाई ना दे तो उसका मकसद ही वायार्थ हो जाता है। कोई भी user search results के तीसरे या चौथे पन्ने पर जा के हमारी website नहीं खोलेगा परंतु सही SEO करने से हम अपनी website का traffic बड़ा सकते है। 
  • Cost का कम होना – यदि ज़्यादा से ज़्यादा लोग हमारे blog को विजिट करेंगे तो हमे financially भी फायदा hoga। ज़्यादा ट्रैफिक ज़्यादा sales को प्रोत्साहित करता है।
  • आपकी website का नाम establish होना – ज़्यादा traffic से आपकी पब्लिसिटी होती है, यदि एक यूज़र दूसरे यूज़र को आपकी site रिकमेंड करने लगेगा toh एक अच्छा brand नाम establish होने की सम्भावना बढ़ जाती है, जिससे credibility भी बढ़ती है।
  • Users का फायदा – SEO करने से सिर्फ डेवलपर को ही नहीं बल्कि users का भी फायदा होता है, सही website तलाश करने में ज़्यादा टाइम व्यर्थ नहीं होता, क्योंकि यह काम उनके लिए google ही कर देता है। और यूजर को अपनी query के लिए उपयुक्त results भी मिल जाते है। 

SEO के challenges

टेक्नोलॉजी में इतनी तरक्की होने के बाद भी कुछ क्षेत्र में सुधार होना बाकी है, जिस वजह से SEO की success के आगे कुछ चुनौतियाँ आ जाती है-

  • समय की पाबंदी – SEO बहुत समय मांगता है, परंतु website developer समय के पाभांध होने की कारण सही तरीके से SEO नहीं करवा पाते जिस वजह से expected results दिखाई नहीं देते।
  • SEO specialist का होना ज़रूरी – हर आदमी सही SEO नहीं कर सकता, इसके लिए professional ट्रेनिंग या degree की आवश्यकता होती है, हर blogger को एक SEO स्पेशलिस्ट के साथ मिल के काम करने की ज़रूरत होती है।
  • सही content – हर website डेवलपर ke दिमाग में यह होना चाहिए की users को किस चीज़ की ज़रूरत है, यह नहीं कि गूगल को क्या पसंद होगा जिस वजह से वो उसकी site को उपर show कराएगा। Google को trick करने के लिए अपने content में बिना ज़रूरत के बहुत जगह पर keywords डाल देने से users का कोई फायदा नहीं होगा isliye आपका ब्लॉग या site ज़्यादा देर तक उपर वाले स्थान पर नहीं रह पाएगी।
  • Design करते समय SEO को ध्यान में ना रखना – बहुत बारी developers कोडिंग करते हुए SEO करना भूल जाते है और बाद में बनी हुई website को SEO फ्रेंडली बनाना उससे भी मुश्किल कार्य हो जाता है और उसका खर्च भी बढ़ जाता है। ऐसा करने से results सकारात्मक नहीं होते और इस वजह से यूज़र का विश्वास भी कम हो सकता है।
  • Content की quantity से ज़्यादा quality पर focus करें – ज़रूरी नहीं है कि गूगल को ज़्यादा कंटेंट वाला पेज पसंद आए, गूगल शब्दों की गिनती छोड़कर उनके अर्थ और users के मकसद को ध्यान में रख ke रैंकिंग करता है इसलिए शब्दों की गिनती बढ़ाने की बजाय उनकी relevance पर focus करना ज़रूरी है।

    शब्द ज़्यादा होने की वजह से page load होने में भी ज़्यादा समय ले लेता है जिस वजह से user वापिस आपकी साइट पर नहीं आना चाहेगा। ज़्यादा कंटेंट google को भी बोरिंग लगेगा और user को भी, इसकी बजाए आप अपनी साइट पर कुछ videos या तस्वीरें डाल सकते है, जो search इंजन को ज़्यादा आसानी से attract करेगी।
  • जानकारी की कमी – इंटरनेट पर हर तरह के ब्लॉगर्स है, छोटे भी एवं बढ़े भी, बढ़े website developers को तो SEO की जानकारी होती है मगर छोटे छोटे content writers और bloggers को इसकी जानकारी नहीं होती जिस वजह से वो इसका लाभ नहीं उठा पाते।

एसईओ के प्रकार – Types of SEO in Hindi

मुख्यता SEO 3 प्रकार का होता हैं!

1. टेक्निकल एसईओ (Technical SEO)

किसी ब्लॉग में SEO (Search Engine Optimization) करने में सबसे पहले Technical SEO आता हैं! Technical SEO की मदद से आपके वेबसाइट की Readability improve होती है! ताकि Google का क्रॉलर आपकी वेबसाइट को क्रॉल कर सके और बड़ी आसानी से समझ सके जिससे सर्च इंजन आपकी वेबसाइट को एक अच्छे High Quality साइट के रूप में दिखाता है!

वैसे Technical SEO को आप इसके नाम “Technical “से ही समझ सकते हैं! की अपनी वेबसाइट को टेक्निकली Optimize करना अर्थात वो सारे Fectors जो Technical SEO में आते हैं! जैसे – वेबसाइट की स्पीड, सर्वर कॉन्फ़िगरेशन और सिक्योरिटी इत्यादि पर काम करना और उन्हें अच्छे से improve करना ही टेक्निकल SEO कहलाता हैं!

विशेष रूप से Technical SEO आपके पुरे वेबसाइट के Structure को Improve करने की strategy होती हैं।

Technical SEO Fectors in Hindi

Technical SEO निचे दिए गए SEO Fectors पर आधारित होता हैं। जैसे-

  • website architecture
  • website  Speed
  • Security such as SSL
  • Indexing
  • Crawlability
  • Structured data
  • Mobile-friendly

अतः Technical SEO में हमें अपने वेबसाइट के architecture, Server की Speed , Security आदि पर अच्छे से काम करना होता है!

2. ऑन-पेज एसईओ (On-Page SEO)

Technical SEO पर काम करने के बाद हम जानते है एसईओ के दूसरे प्रकार को On-page SEO कहा जाता हैं! और जानते हैं की यह क्या होता है What is On Page SEO in Hindi? तथा हम कैसे On page SEO कर सकते हैं? On Page SEO kese karte hai?

On-page SEO का मतलब अपने वेबसाइट के Page, Post, Blog अथवा Article को Optimize करना होता हैं! यह आपके वेबसाइट के पेज की सर्च इंजन ranking को improve करता हैं!

On Page SEO Fectors

On-Page SEO भी कुछ महत्वपूर्ण फेक्टर्स पर आधारित होता हैं। जैसे-

  • Keyphrase
  • Text Length
  • Title Tag
  • Meta description
  • headlines
  • Header Tag
  • Content
  • Image Optimization
  • Keyphrase
  • Text Length
  • Internal Links
  • Outbound Links

यह भी जानिये : Google Search Console और इसके Features क्या है – Full Guide

3. ऑफ-पेज एसईओ (Off Page SEO)

एक Blogger को अपने ब्लॉग में Technical SEO और On Page SEO के साथ साथ Off page SEO का बहुत ज्यादा ध्यान रखना होता हैं! Off page SEO का मतलब हमारे वेबसाइट के outside से लिए गए उन सभी Action से होता हैं जो हमारी website की ranking और domain कि authority को बढ़ाती हैं!

ऑफ पेज एसईओ पूरी तरह से आपके Control में नहीं होता हैं! यह आपके वेबसाइट के दूसरे वेबसाइट से links पर निर्भर होता हैं! जैसे यदि आपका ब्लॉग बहुत अच्छा होगा तो दूसरे लोग अपने रीडर्स को आपके ब्लॉग का Link suggest करते हैं! इसलिए Off page SEO गूगल को यह बताता हैं की अन्य ब्लॉग आपके Website के बारे में क्या विचार रखते हैं!

वास्तव मे आपके आर्टिकल को शेयर करना भी Off page SEO में शामिल होता हैं क्यूकि यह भी आपके वेबसाइट के लिए लिंक generate करता हैं!

Off Page SEO Fectors

अन्य की तरह Off-Page SEO भी निचे दिए गए कुछ महत्वपूर्ण फेक्टर्स पर आधारित होता हैं! जैसे-

  • Link Building
  • Backlinks
  • Social Media Power
  • Guest Posting is Still talk of Town
  • Building Trust
  • Building Relationships with webmasters
  • Be Present on the Internet
  • Positive User Comments

Conclusion [ निष्कर्ष ]

आज के इस ब्लॉग में हमने जाना की असल में एसईओ कितने प्रकार का होते हैं SEO Types in Hindi और SEO के टाइप्स के आधार पर SEO Fectors कौन कौन से होते हैं!

आशा करता हूँ की आपको यह पोस्ट पसंद आयी और यदि आपका कोई सवाल या कोई सुझाव हो तो कृपया निचे कमेंट सेक्शन में जरूर अवगत कराये और अपने दोस्तों तक इस पोस्ट को जरूर शेयर करें!

पूरा पोस्ट पढ़ने हेतु आपका बहुत बहुत धन्यवाद! 


SuMaN
नमस्कार दोस्तों मेरा नाम सुमन कुमार है! मैं TechRangoli.com का Co-Founder और Auther हूँ! मैं टेक्लेनोलॉजी में रुचि रखता हूँ! मै TechRangoli.com ब्लॉग के माध्यम से हिंदी भाषा में रोजाना नई - नई जानकारीयों को आप तक शेयर करते रहता हूँ!
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