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INDIAN CYBERCRIME COORDINATION CENTRE (I4C) SCHEME | भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) योजना


गृह मंत्री श्री अमित शाह, के द्वारा भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) का उदघाटन किया गया जो राष्ट्र के लिए राष्ट्रीय साइबर क्राइम को control करने के लिए इसका गठन किया गया है |  यह अत्याधुनिक केंद्र नई दिल्ली में स्थित है। भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C)  को स्थापित करने की योजना को अक्टूबर 2018 में अनुमानित लागत 415.86 करोड़ पर अनुमोदित किया गया था।

सभी प्रकार के साइबर अपराधों से व्यापक और समन्वित तरीके से निपटने के लिए इसका गठन किया गया है |

भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) योजना के बारे में विवरण

I4C योजना के बारे में अवलोकन (Overview)


I4C योजना को सात घटकों में बांटा गया है (Seven Components of the Centre)


1 राष्ट्रीय साइबर अपराध खतरा विश्लेषण इकाई (TAU) (National Cybercrime Threat Analytics Unit )
2 राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (www.cybercrime.gov.in) (National Cybercrime Reporting Portal)
3 संयुक्त साइबर अपराध जांच दल (Platform for Joint Cybercrime Investigation Team)
4 राष्ट्रीय साइबर अपराध फोरेंसिक प्रयोगशाला राष्ट्रीय साइबर अपराध फोरेंसिक प्रयोगशाला पारिस्थितिकी तंत्र(National Cybercrime Forensic Laboratory National Cybercrime Forensic Laboratory Ecosystem)
5 राष्ट्रीय साइबर अपराध प्रशिक्षण केंद्र (NCTC) (www.cytrain.ncrb.gov.in) (National Cybercrime Training Centre )
6 साइबर अपराध पारिस्थितिकी तंत्र प्रबंधन इकाई (Cybercrime Ecosystem Management Unit)
7 राष्ट्रीय साइबर अपराध अनुसंधान और नवाचार केंद्र (National Cyber Crime Research and Innovation Centre)

1. नेशनल साइबर क्राइम थ्रेट एनालिटिक्स यूनिट (TAU)

2. राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग

भारत के संविधान के अनुच्छेद 246 के अनुसार, सार्वजनिक और पुलिस व्यवस्था राज्य की जिम्मेदारी है। साइबर अपराधों की अंतरराष्ट्रीय और सीमाहीन प्रकृति के कारण, इस पोर्टल को जनता को साइबर अपराध की शिकायतों को ऑनलाइन रिपोर्ट करने की सुविधा के लिए विकसित किया गया है। शिकायतकर्ता द्वारा आवश्यक कार्रवाई के लिए प्रदान की गई जानकारी के आधार पर सभी रिपोर्ट की गई शिकायतों को संबंधित राज्य/संघ राज्य क्षेत्र पुलिस अधिकारियों द्वारा निपटाया जाता है। इस पोर्टल को साइबर अपराधों से संबंधित शिकायतों की रिपोर्ट करने के लिए डिज़ाइन किया गया है और इसे प्राथमिकी के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। पोर्टल पर रिपोर्ट की गई शिकायतों पर उचित कार्रवाई के लिए राज्य/संघ राज्य क्षेत्र प्राधिकरण जिम्मेदार हैं। शिकायतकर्ताओं को सलाह दी जाती है कि वे पोर्टल पर उनके द्वारा दी गई जानकारी की सटीकता का ध्यान रखें।
पहले साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल www.cybercrime.gov.in केवल चाइल्ड पोर्नोग्राफी (सीपी)/बलात्कार सामूहिक बलात्कार (आरजीआर)/अश्लील सामग्री से संबंधित साइबर अपराध की शिकायतें दर्ज करने के लिए था, हालांकि, राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल सभी प्रकार के मामलों को दर्ज करने की सुविधा प्रदान करता है। महिलाओं और बच्चों के खिलाफ साइबर अपराध पर विशेष ध्यान देने वाले साइबर अपराध।

3. संयुक्त साइबर अपराध जांच के लिए मंच

4. राष्ट्रीय साइबर अपराध फोरेंसिक प्रयोगशाला (NCFL) पारिस्थितिकी तंत्र

5. राष्ट्रीय साइबर अपराध प्रशिक्षण केंद्र (NCTC)

6. साइबर अपराध पारिस्थितिकी तंत्र प्रबंधन इकाई

7. राष्ट्रीय साइबर अपराध अनुसंधान और नवाचार केंद्र

राष्ट्रीय साइबर अपराध के विभिन्न Categories

1. Online and Social Media Related Crime
2. Online Financial Fraud
3. Ransomware
4. Hacking
5. Cryptocurrency-Related Crime
6. Online Trafficking
7. Online Gambling

8. Any Other Cyber Crime 

महिलाओं और बच्चों के खिलाफ साइबर अपराध के विभिन्न Categories

1. Child Pornography (CP) – Child Sexual Abuse Material (CSAM)
2. Rape/ Gang Rape (RGR) – Sexually Abusive Content
3. Sexually Explicit Content

FAQ

प्रश्न :- साइबर अपराध क्या हैं ?

उत्तर :- साइबर अपराध ऐसे अपराध होते है जो कंप्यूटर ,इन्टरनेट या मोबाइल टेक्नोलॉजी का उपयोग करके व्यक्तियों, कंपनी या संस्थानों के प्रति किये जाते हैं। साइबर अपराध सोशल नेटवर्किंग साईट, ईमेल , चैट रूम , नकली सॉफ्टवेर , वेबसाइटो इत्यादि जैसे प्लेटफार्म का उपयोग पीरीतों पर हमला करने के लिए करते है


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